यूसीसी के खिलाफ उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंची जमीयत।

देवबंद: जमीयत उलमा-ए-हिंद उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता के खिलाफ उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंची है। जमीयत की याचिका पर अदालत इसी सप्ताह सुनवाई कर सकती है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बुधवार जारी बयान में कहा कि मुल्क के लोकतंत्र, संविधान और कानून के राज को कायम रखने के लिए जमीयत ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा। क्योंकि हिंदुस्तान में अदालतें ही हमारा आखिरी सहारा है। उन्होंने कहा कि शरीयत के खिलाफ हमें कोई भी कानून स्वीकार नहीं है। सवाल मुसलमानों के पर्सनल लॉ का नहीं बल्कि देश के धर्मनिरपेक्ष संविधान को उसकी मौजूदा स्थिति में बनाए रखने का है। कहा कि हिंदुस्तान एक धर्मनिरपेक्ष देश है और संविधान में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ यह है कि देश की सरकार का अपना कोई धर्म नहीं है। देश के लोग अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता मुसलमानों के लिए अस्वीकार्य है और देश की एकता और अखंडता के लिए नुकसानदायक है। मदनी ने दो टूक कहा कि जमीयत पूरी ताकत से इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगी।

समीर चौधरी।

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