इस्लामिया कॉलेज ऑफ लॉ में संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन, मुख्य अतिथि एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सैशन जज देवबंद ने छात्र-छात्राओं को दी भारतीय संविधान की विस्तृत जानकारी।

देवबंद: इस्लामिया कॉलेज ऑफ़ लॉ देवबंद के सेमिनार हॉल में संविधान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रोग्राम के आरंभ में छात्र-छात्राओं ने संविधान की प्रस्तावना का पाठन किया। कार्यक्रम में लॉ कॉलेज की विभागाध्यक्षा डॉक्टर बुशरा शफीक ने संविधान की प्रजातांत्रिक एवं पंथनिरपेक्ष व्यवस्था का विस्तार से वर्णन किया। 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सैशन जज देवबंद जिला सहारनपुर श्री विनीत कुमार वासवानी ने संप्रभुता के विषय में विस्तार से समझाते हुए भारतीय संविधान के संप्रभु स्वरूप को समझाया। इस्लामिया ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस देवबंद के चेयरमैन डॉक्टर अजीम उल हक ने विधि के छात्र-छात्राओं को विधि उपाधि प्राप्त करने के उपरांत करियर विकल्प एवं विदेशों में भी अपने करियर की संभावनाओं को तलाश करने के लिए बताया। 
कार्यक्रम संचालक नदीम अहमद ने कहा कि संविधान के मूलभूत ढांचे को बदले बगैर उसमें संशोधन की व्यवस्था हमारे संविधान की सबसे बड़ी विशेषता है। कार्यक्रम के विशेष अतिथि देवबंद सिविल बार एसोसिएशन के महासचिव मोहम्मद मुरसलीन ने संविधान के अनुच्छेद 32, 226, मूल अधिकार एवं प्रस्तावना आदि के बारे में छात्र छात्राओं को विस्तार से समझाया। इस्लामिया कॉलेज ऑफ़ लॉ देवबंद के भूतपूर्व छात्र श्री अजय कुमार एडवोकेट ने कॉलेज में बीते पलों को याद किया। इस्लामिया डिग्री कॉलेज देवबंद के प्राचार्य डॉक्टर वकील अहमद ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। 
कार्यक्रम में बीए एलएलबी की प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की छात्र-छात्राओं ने एक लघु प्ले के माध्यम से संवेदनहीन समाज को जगाने का प्रयास किया। एक अन्य प्ले के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने बेटी पढ़ाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया। कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं में संध्या यादव, सानिया, अर्शी बेबी, मुस्कान, शेफाली, मिस्बाह, कपिल राय, अंग्रेज त्यागी, आफिया, कामना राणा, मरियम शेख, शेफाली मिश्रा, सावन, आर्यन पवार, सानिया, सलोनी, प्राची आर्य, आदि उपस्थित रहे। लॉ कॉलेज के प्राध्यापकगण में राहुल देव त्यागी, तरुण यादव, सुश्री तंजीम,  उस्मान, सबीहा खान, शगुफ्ता अब्बासी आदि उपस्थित रहे।

समीर चौधरी/ महताब आज़ाद।

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