देवबंद: मरकज़ुल मआरिफ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (एमएमईआरसी) मुंबई द्वारा संचालित "मरकज ऑनलाइन मदरसा" का सोमवार को देश के प्रसिद्ध उलमा की उपस्थिति में उद्घाटन किया गया। इस दौरान दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन भी हुआ। जिसमें देशभर से दो सौ से अधिक प्रमुख उलमा ने हिस्सा लिया।
ईदगाह रोड स्थित महमूद हाल में आयोजित सेमिनार में इंग्लिश मीडियम ऑनलाइन मदरसा के पाठ्यक्रम पर चर्चा की गई और पाठ्यक्रम को अंतिम रुप देने पर सहमति बनी। संस्था के निदेशक मौलाना मोहम्मद बुरहानुद्दीन कासमी ने बताया कि यह पांच वर्षीय कोर्स मदरसा मॉडल पर आधारित है और उच्च गुणवत्ता वाली इस्लामी शिक्षा प्रदान करता है। पाठ्यक्रम और शिक्षण की भाषा अंग्रेजी होगी। 15 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे लोग (महिला-पुरुष) जो अंग्रेजी भाषा का ज्ञान रखते हैं और किसी कारण से मदरसे में नहीं जा सकते या व्यावसायिक व्यस्तताओं के कारण नहीं जा सके, वे दुनिया के किसी भी हिस्से से इसमें दाखिला ले सकते हैं और घर बैठे आलिम का कोर्स पूरा कर सकते हैं। अध्यक्षता कर रहे दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी व मरकजुल मआरिफ के संस्थापक व मजलिस-ए-शूरा के सदस्य मौलाना बदरुद्दीन अजमल (पूर्व सांसद) ने मरकज ऑनलाइन मदरसा का आधिकारिक उद्घाटन और उसकी वेबसाइट www.markazonlinemadrasa.com को लांच किया। इस मौके पर दारुल उलूम की शूरा सदस्य मौलाना रहमतुल्ला कश्मीरी, दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी, मुफ्ती राशिद आजमी, मौलाना मुजम्मिल अली, मौलाना शौकत अली बस्तवी, मुफ्ती मोहम्मदउल्लाह, जमीयत उलमा-ए-हिंद के उपाध्यक्ष मौलाना सलमान बिजनौरी, मौलाना हसन महमूद राजस्थानी प्रख्यात शायर डॉक्टर नवाज़ देवबंदी आदि मौजूद रहे।
समीर चौधरी।
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