हाईकोर्ट का निजामुद्दीन तबलीगी मरकज के मुख्यालय की चाबियां मौलाना साद को सौंपने का आदेश, अदालत ने खरी-खरी सुनाते हुए दिल्ली पुलिस को लगाई सख्त फटकार।

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज को बंद रखने की दिल्ली पुलिस की मंशा को खारिज करते हुए पुलिस को फटकार लगाई है और तत्काल निजामुद्दीन मरकज की चाबियां मौलाना साद को सौंपने का आदेश दिया है।

सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि पुलिस हजरत निजामुद्दीन तबलीगी जमात के मुख्यालय की चाबियां वहां के प्रमुख मौलाना साद को सौंपे। कोर्ट ने मुख्यालय में सार्वजनिक प्रवेश पर प्रतिबन्ध जारी रखने वाले दिल्ली पुलिस की मंशा को ख़ारिज करते हुए यह आदेश दिया।
कोर्ट ने इस वर्ष मार्च में माहे रमज़ान के दौरान मरकज़ में स्थित मस्जिद की 5 मंजिलों में नमाज़ पढ़ने की भी अनुमति दे दी थी। वहीं मई में हाईकोर्ट ने मार्च-2020 के बाद प्रथम बार मस्जिद प्रबन्धन को रमज़ान महीने के बाद सार्वजनिक प्रवेश की भी अनुमति दे दी थी। लेकिन यहाँ के मदरसा और हॉस्टल में सार्वजनिक प्रवेश वर्जित है।

इस मामले की सुनवायी करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि “मरकज़ की चाबियां उसी व्यक्ति को सौंपनी होंगी जिससे चाबियां ली गयी थी।” उन्होंने कहा “आपने (दिल्ली पुलिस) किसी व्यक्ति से क़ब्ज़ा ले लिया है तो आप उस व्यक्ति को क़ब्ज़ा वापस कर दें। यहाँ मैं किसी सम्पत्ति के स्वामित्व का निर्णय नहीं कर रहा हूँ, मेरे सामने यह मुद्दा नहीं है।” 
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में तर्क दिया कि “मूल स्वामी सम्पत्ति पर क़ब्ज़ा लेने के लिये आगे नहीं आया है। दिल्ली वक़्फ़ अधिनियम के तहत मुतवल्ली को ही आगे आना होगा न कि दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड को जो कि याचिकाकर्ता है।”

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फ़टकार लगाते हुए कहा कि “क्या आप क़ब्ज़े में हैं? और आपने किस हैसियत से क़ब्ज़ा किया है?” कोर्ट ने कहा कि “कोरोना महामारी अधिनियम के अन्तर्गत ही तो प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, अब वह ख़त्म हो गये है। 
हाई कोर्ट में इस सुनवायी के दौरान दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि “उन्हें क्षतिपूर्ति मुचलके पर सम्पत्ति सौंपने में कोई आपत्ति नहीं। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि इस उद्देश्य के लिये कोई दस्तावेज़ जमा करने की भी ज़रूरत भी नहीं होगी।

High Court Order On Markaz High Court Order On Markaz Case-

समीर चौधरी।

Post a Comment

0 Comments

देश