देवबंदी उलेमा से था नेताजी का गहरा नाता: दारुल उलूम पहुंचकर मोहतमिम से लिया था आशीर्वाद, जमीयत प्रमुख की मांग पर मेडिकल कॉलेज का नाम कर दिया था "शेख उल हिंद।"
देवबंद: समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का बीमारी के चलते सोमवार 10 अक्टूबर 2022 को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 82 साल की उम्र में निधन हो गया, उनके निधन से देशभर का राजनीतिक माहौल सोगवार हो गया, समाजवादी पार्टी के साथ साथ सभी दलों के नेताओं और राजनीतिक लोगों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
लोग अलग तरीकों से उन्हें याद कर रहे हैं, मुलायम सिंह यादव जमीनी नेता थे जिनका संबंध एक सामान्य घर से था। जेपी आन्दोलन से राजनीति की शुरुआत करने वाले मुलायम सिंह यादव ने पहलवानी के मैदान से यूपी के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री तक का सफर तय किया, मुलायम सिंह यादव को मंझा हुआ राजनीति खिलाड़ी समझाता था और उन्होंने हमेशा अपने फैसलों से यह साबित भी किया है, मुलायम सिंह यादव का जिला सहारनपुर, देवबंद और उलेमा देवबंद से गहरा ताल्लुक रहा है।
मुलायम सिंह यादव ने 2009 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दारुल उलूम देवबंद आकर यहां के तत्कालीन मोहतमिम में हजरत मौलाना मरगूब उर रहमान से सर पर हाथ रखवा कर आशीर्वाद और दुआएं ली थी, हालांकि राजनीतिक मैदान में उस समय यह विवादित मामला भी बन गया था।
मुस्लिमों में खास रसूख रखने वाले नेताजी मुलायम सिंह यादव ने देवबंद पहुंच कर जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात करने के साथ ही नगर के जामिया तिब्बिया कॉलेज में जनसभा की थी।चार मार्च वर्ष 2009 में मुलायम सिंह का देवबंद दौरा हुआ था। वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह से दोस्ती के बाद मुस्लिमों का मिजाज भांपने के लिए नेताजी मुलायम सिंह यादव देवबंद पहुंचे थे। उन्होंने इस्लामी तालीम के मुख्य केंद्र दारुल उलूम जाकर संस्था तत्कालीन मोहतमिम मौलाना मरगूब उर रहमान से मुलाकात की थी और उनसे अपने सिर पर हाथ रखवाकर आशीर्वाद लिया था।
बाद में उन्होंने जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। उस दौरान दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई थी। इसके बाद उन्होंने जामिया तिब्बिया पहुंच कर जनसभा की थी।
उन्होंने चुनाव में सपा के लिए समर्थन मांगा था और पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करने को कार्यकर्ताओं में जोश भरा था।
देवबंद के वरिष्ठ सपा नेता असद जमाल फैजी, पूर्व विधायक माविया अली, डाक्टर अनवर सईद बताते हैं कि नेताजी देवबंद में दौरान करीब दो घंटे रुके थे।
मुलायम सिंह यादव का जमीयत प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी से गहरा संबंध था और यही कारण है कि मौलाना अरशद मदनी की मांग पर उन्होंने अखिलेश सरकार में सहारनपुर में स्थित मेडिकल कॉलेज का नाम स्वतंत्रता सेनानी हजरत मौलाना महमूद हसन देवबंदी के नाम से किया था।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के लिए सहारनपुर हमेशा से एक मजबूत गढ़ रहा है। इसलिए जब भी कभी मौका लगता था तुम मुलायम सिंह यादव सहारनपुर आने का मौका नहीं छोड़ते थे। आखिरी बार है वर्ष 2014 में सहारनपुर आए थे। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जब समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी उस समय उन्होंने क्रांति रथ के माध्यम से जन-जन को पार्टी से जोड़ने का काम किया था।
समीर चौधरी।
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