मदरसों का सर्वे किए जाने के विरोध पर बोले राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह, ये देश उलेमा के नियम और कानून से नहीं बल्कि संविधान से चलता है।
देवबंद: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा गैर सरकारी मदरसों का सर्वे किए जाने के निर्णय का मुसलमानों के प्रमुख संगठन जमीयत उलमा ए हिंद और विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद व अन्य संगठनों द्वारा विरोध किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए क्षेत्रीय विधायक एवं राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह ने कहा कि यह देश उलेमा के नियम कानून से नहीं बल्कि संविधान से चलता है और उलेमा या उनके किसी नेता द्वारा सरकारी योजना का विरोध करने से सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
बुधवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में लोक निर्माण विभाग के राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह ने कहा कि मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि यह देश उलेमा के नियम और कानून से नहीं चलता है, यह देश संविधान में प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों की सरकारी व्यवस्थाओं के अनुसार चलता है। और सरकार ने जो नियम और कायदे बनाए हैं उन नियमों का पालन करना केवल मदरसों का ही नहीं बल्कि सब विद्यालयों और प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों का दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक योजना बनाई है कुछ नियम और कायदे बनाए हैं, जिसमें सरकार अपना काम करेगी, किसी भी उलेमा या उनके किसी नेता द्वारा इसका विरोध करने से प्रदेश सरकार या देश की सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा हाल ही में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे किए जाने का निर्णय लिया गया है जिसको लेकर मदरसों के जिम्मेदारों में विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं। इसी को लेकर मंगलवार को दिल्ली स्थित जमीअत उलमा हिंद के मुख्यालय में प्रदेश के बड़े उलेमाओं की एक अहम बैठक आयोजित की गई थी जिसमें इस सर्वे के तरीके पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए उसका विरोध किया गया और एक 12 सदस्य स्टेरिंग कमेटी गठित की गई थी, वहीं आगामी 24 सितंबर को इस मसले पर विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद में भी उलेमा की बड़ी बैठक होने जा रही है।
रिर्पोट: समीर चौधरी।
रियाज़ अहमद।
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