देवबंद: प्रमुख इस्लामिक शैक्षणिक संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने छात्रों की व्यावसायिक और अन्य गैर-शैक्षणिक गतिविधियों पर कड़ी नाराजगी जताते हुए छात्रों को नियमों का पालन करते हुए दारुल उलूम देवबंद में प्रवेश के उद्देश्य को समझने का सख्त निर्देश दिया है। छात्रों को संस्था में प्रवेश का उद्देश्य बताते हुए अपना पूरा समय शैक्षणिक कार्यों में लगाने का आदेश जारी किया गया।
गुरूवार को दारुल उलूम देवबंद के शिक्षा प्रभारी मौलाना हुसैन अहमद हरिद्वारी द्वारा जारी ऐलान में छात्रों को व्यावसायिक गतिविधियों को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया गया है साथ ही उल्लंघन करने पर संस्थान से निष्कासन की चेतावनी दी गई है, उन्होंने कक्षाओं से अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई किए जाने बात कही।
दारुल उलूम देवबंद द्वारा छात्रों के लिए जारी ऐलान।
प्रिय छात्रों, दारुल उलूम देवबंद में अपने प्रवेश को गनीमत समझें और यहां दाखिल होने के मकसद को हमेशा अपने सामने रखें।
विश्वसनीय सूत्रों से ऐसा ज्ञात हुआ है कि कुछ छात्र शिक्षा के साथ-साथ व्यापार भी करते हैं और कई छात्र छुट्टी के समय कमरों और कक्षाओं में दुकानें लगाते हैं और कुछ छात्र दारुल उलूम के बाहर सड़कों पर भी दुकानें लगाते हैं। इंतजामिया इससे सख्त नाराज है। क्योंकि दारुल उलूम में प्रवेश का मकसद सिर्फ और सिर्फ शिक्षा प्राप्त करना है। इसलिए मजलिस ए तालीमी ने फैसला किया कि यदि कोई छात्र व्यापार या अन्य गैर शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ सीधे तौर पर इखराज (निष्कासन) की कार्रवाई की जाएगी।
कुछ छात्र अक्सर कक्षाओं से अनुपस्थित रहते हैं। ध्यान रहे कि जिस प्रकार से लगातार 15 दिनों तक अनुपस्थिति रहने वाले छात्रों का निष्कासन कर दिया जाता है उसी प्रकार अत्यधिक अनुपस्थिति के कारण भी निष्कासन कर दिया जायेगा।
दौरे हदीस शरीफ (मौलवियत के आखरी वर्ष) में अनुपस्थिति के संबंध में एक नियम है कि यदि कोई छात्र कार्यालय की हाजरी के दौरान लगातार तीन बार अनुपस्थित रहता है, तो उसे निष्कासित कर दिया जाता है। अब इस में यह भी जोड़ा गया कि यदि कोई छात्र प्रवेश के समय से बिना अनुमति लगातार तीन बार कक्षा की हाज़री में अनुपस्थित रहता है तो उसकी पूरे वर्ष की इमदाद (अनुदान) बंद कर दी जाएगी।
समीर चौधरी।
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