देश की आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका और इतिहास से नई पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल की ओर से सेमिनार का आयोजन।
देवबंद: ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल सहारनपुर के तत्वधान स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर रोटरी क्लब सहारनपुर में नई पीढ़ी को स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका और इतिहास के बारे में जागरूक करने के लिए एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें सम्मानित और प्रमुख सामाजिक, राजनीतिक और बौद्धिक हस्तियों ने भाग लिया।
डॉ. अनवर सईद सचिव जामिया तिब्बिया कालेज देवबंद ने विशेष अतिथि के रूप में सेमिनार में भाग लिया। जबकि संचालन मौलाना डॉ. अब्दुल मालिक मुगीसी जिलाध्यक्ष मिल्ली काउंसिल सहारनपुर ने किया।
कार्यक्रम संयोजक मौलाना डॉ. अब्दुल मालिक मुगीसी ने सेमिनार का उद्देश्य बताते हुए कहा कि आजादी के मुजाहिदीन ने जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करें, सभी वर्गों के लोगों में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा दें, देश में शैक्षिक जागरूकता लाएं और आजादी के मुजाहिदीन के इतिहास के संरक्षक बनें, यही है इस सेमिनार का वास्तविक उद्देश्य है।
मुख्य अतिथि डॉ. अनवर सईद ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के इस उत्सव पर आइए हम इतिहास के उन पन्नों को पलटें, जो मुजाहिदीन आजादी ने अपने खून से लिखे थे, इस मौके पर हमें इस बात का भी जायजा लेना चाहिए कि हमने इन वर्षों में क्या खोया है और किया पाया है? शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में हमारा देश कहां पहुंच गया है? हमारी नई पीढ़ी के विकास और समृद्धि में कौन सी बाधाएँ हैं, इन सभी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है।
सीटी मेजस्ट्रेट ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय समाज की एक निशानी यह है कि यह देश सूफियों, संतों और आध्यात्मिक रहनुमाओं केंद्र बना रहा है, उनका सबक मानवता को बढ़ावा देना और नफरत का खात्मा था और इसके साथ ही हमें आगे बढ़ना चाहिए।
जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह ने लोगों से देश के विकास तथा जनकल्याण के प्रचार-प्रसार के लिए आवश्यक कदम उठाने और उसके लिए फिक्रमंद होने की बात कही।
सांसद हाजी फजलुर रहमान अलीग ने सम्बोधित करते हुए कहा कि यदि जीवन में कोई बड़ा पद और मर्तबा प्राप्त करना है, तो हमें उसके लिए बलिदान देना होगा, भारत की स्वतंत्रता के लिए हमने जो बलिदान दिया है, यह हमें सिखाता है कि हमें उच्च मक़ाम और मर्तबे के प्राप्त करने के लिए बलिदान देना चाहिए।
नगर आयुक्त ग़ज़ल भारद्वाज शिक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि हम अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं हैं।आजादी के इस खुशी के दिन पर खुद का देखें और आगे बढे।
काजी नदीम अख्तर शाहर काजी सहारनपुर ने अत्यंत महत्वपूर्ण पहलुओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि शैक्षिक पाठ्यक्रम में परिवर्तन हो रहा है और यह अफसोस की बात है कि स्वतंत्रता संग्राम के असली चहरों को बाहर किया जा रहा है। लेकिन यह भी तय है कि इस उज्ज्वल इतिहास को बदलने में सफल होना मुश्किल है क्योंकि यह सिर्फ एक इतिहास नहीं है बल्कि यह भारत के मुसलमानों के खून से लिखी गई एक सच्ची कहानी है जो दुनिया भर के पुस्तकालयों में मौजूद और संरक्षित है।
मैनेजर जामा मस्जिद मौलवी फरीद मजाहेरी ने कहा कि यह आवश्यक है कि हम अपना इतिहास पढ़ें, अपनी पीढ़ियों को अपने बड़ों की उपलब्धियों से अवगत कराएं, देश के प्रति उनकी निष्ठा का उल्लेख करें और उन्होंने भारत के लिए जो कुर्बानियां दी हैं, उन्हें सबके सामने लाएं।
कार्यक्रम के दौरान जामिया रहमत घघरोली के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर सराहना हासिल की।
जामिया रहमत घघरोली के छात्र अब्दुल समद मुगीसी और अब्दुल समद लोदीबांस ने तराना "सारे जहां से अच्छा" और मुहम्मद अब्सार देहलवी ने राष्ट्रीय गीत प्रस्तुत किया।
वक्ताओं में विशेष रूप से डॉ. कुदसिया अंजुम, सय्यिदा सुबुही इफ्तिखार, हिंदू समाज से परपन्ना चरिया, सिख समाज से चंद्रजीत सिंह निक्को, ईसाई समाज से संजय सिंह,वीरेंद्र ठाकुर, जैन समाज से, राजेश जैन, शिया समाज से मौलाना इज़हार हैदर जैदी, बरेलवी मसलक से सूफी उमर कादरी, मजाहिर राणा, शाहनवाज खान, भाई उमर अली खान, इंतिखाब आजाद एडवोकेट, हफीज उवैस ताकि, लियाकत अली एडवोकेट, मुजफ्फर चौधरी, डॉ. जमील मानवी, मौलाना शाकिर फर्रुख नदवी, कारी सईद, मंसूर बद्र, ओसाफ गुड्डू, सैयद हस्सान, शेर शाह आजम, मौलाना अतहर हक्कानी, मौलाना अहमद सईदी, हैदर रऊफ सिद्दीकी, एम शाहिद जुबेरी, रिजवान सलमानी, डॉ शाहिद जुबेरी, चौधरी जां निसार एडवोकेट, बाबर वसीम एडवोकेट, मुहम्मद अली एडवोकेट आदि उल्लेखनीय हैं। उनके अलावा, सैकड़ों विद्वानों, बुद्धिजीवियों, राजनीतिक, राष्ट्रीय और सामाजिक हस्तियों ने महत्वपूर्ण प्रतिभागियों में भाग लिया।
समीर चौधरी।
0 Comments