भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर राकेश टिकैत और नरेश टिकैत को जोर का झटका लगा है.
भारतीय किसान यूनियन दो फाड़ हो चुकी है और अब यूनियन के ही नेता राजेश सिंह चौहान अपने समर्थकों के साथ अलग हो गए हैं और उन्होंने अपना अलग से संगठन भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक बनाने की घोषणा की है..
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान के नेतृत्व में नई भाकियू बनाई गई है. खुद राजेश सिंह चौहान इस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं.
उन्होंने इल्जाम लगाया है कि नरेश टिकैत और राकेश टिकैत राजनीति करने वाले लोग हैं विधानसभा चुनाव में एक दल का प्रचार करने के लिए कहा गया था.
राजेश सिंह चौहान ने यह आरोप लगाते हुए नई भारतीय किसान यूनियन बनाने का ऐलान कर दिया. माना जा रहा है कि यह भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और उनके भाई नरेश टिकैत के लिए परेशानी खड़ा करने वाला कदम है.
लखनऊ में 2 दिन तक रहकर राकेश टिकैत डैमेज कंट्रोल में जुटे हुए थे लेकिन वह कामयाब नहीं हुए. टिकैत का साथ छोड़ने वाले किसान नेता इस बात से खफा है कि अब यह संगठन किसानों के मुद्दों को छोड़कर सियासत की तरफ कदम बढ़ा रहा है.
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने लखनऊ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि कार्यकारिणी ने जो फैसला लिया है कि मूल भारतीय किसान यूनियन की जगह भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का गठन किया गया. यह मेरा 33 साल संगठन का इतिहास है.
उन्होंने राकेश टिकैत पर आरोप लगाया कि जब 13 महीने के आंदोलन के बाद हम घर आए तो हमारे नेता राकेश टिकैत राजनीति के तौर पर प्रेरित दिखाई दिए हमने उनसे बात की उन्होंने कहा कि हम राजनीतिक लोग हैं हम किसी भी राजनीतिक संगठन के सहयोग में नहीं जाएंगे.
उन्होंने कहा कि मैंने काफी समझाने की कोशिश की लेकिन मेरी बात को नजरअंदाज कर दिया गया मेरी किसी ने नहीं सुनी चुनाव के बाद कहा गया कि evm की रक्षा करें हमने कहा कि यह किसानों का काम नहीं है मैंने उसका भी विरोध किया और कहा यह राजनीतिक दल के लोगों का काम है.
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य किसानों के हितों के लिए आवाज बुलंद करना है किसानों को सम्मान दिलाना है पॉलिटिक्स करना हमारा उद्देश्य नहीं है
पत्रकारों द्वारा पूछे गए कई सवालों के जवाब न देकर राजेश सिंह उनके उन सवालों को टाल गए.
बाहरहाल भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत के लिए यह मुश्किलों भरा फैसला हो सकता है क्योंकि जिस तरह से राजेश सिंह ने किसानों को एकजुट करते हुए नई भारतीय किसान यूनियन बनाने का ऐलान किया है उससे साफ है कि आने वाले दिनों में राकेश टिकैत और नरेश टिकैत के सामने यह नया संगठन परेशानी जरूर खड़ी कर सकता है.
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