दारुल उलूम देवबंद ने नए दाखलों के लिए बनाया सख्त कानून, इन दस्तावेजों के बिना छात्रों को नहीं मिलेगा प्रवेश।

दारुल उलूम देवबंद ने नए दाखलों के लिए बनाया सख्त कानून, इन दस्तावेजों के बिना छात्रों को नहीं मिलेगा प्रवेश।
देवबंद: विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने मौजूदा परिस्थितियों के मद्दे नज़र नए छात्रों के लिए  दाखिला प्रक्रिया में कई बदलाव करते हुए दाखला नियमों को और अधिक सख्त कर दिया है।
दारूल उलूम देवबंद ने संस्था में प्रवेश की चाह रखने वाले सभी नए छात्रों को संस्था द्वारा तय किए गए सभी दस्तावेजों के साथ दारुल उलूम देवबंद पहुंचने का आदेश दिया गया है, अन्यथा छात्रों को दारुल उलूम देवबंद में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और कहा गया है कि कोई छात्र जिस के पास ये दस्तावेज नहीं हैं, वे दारुल उलूम देवबंद बिल्कुल ना आए क्योंकि ऐसे छात्रों को संस्थान में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
बुधवार को दारुल उलूम देवबंद के कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने इस संबंध में ऐलान जारी किया है, जिस में कहा गया है कि सभी नए छात्रों के लिए दारुल उलूम देवबंद की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए पूर्व मदरसे का प्रमाण पत्र और वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों की मार्कशीट लाना जरूरी है, इसके बिना प्रवेश परीक्षा नहीं दे पाएंगे। सभी छात्रों को अपना और अपने पिता का आधार कार्ड और मोबाइल नंबर जमा कराना अनिवार्य है।
सीमावर्ती क्षेत्रों (जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा, असम आदि) के छात्रों को अपने साथ अपना मूल निवास प्रमाण पत्र और शपथ पत्र लाना होगा। इसके बिना प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। ऐलान में कहा कि इस संबंध में किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी। जो छात्र आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करेगा वह दाखिले के लिए दारुल उलूम देवबंद बिल्कुल ना आए क्योंकि ऐसे छात्रों को दाखिला नहीं दिया जाएगा।
वही एक दूसरे ऐलान में दारुल उलूम देवबंद के नाजिम ए तालिमात मौलाना हुसैन अहमद हरिद्वारी ने स्पष्ट किया है कि छात्र अपनी असल आईडी की फोटो कॉपी जमा करें, जिस की जांच सरकारी विभाग एलआईयू आदि से कराई जाएगी, आईडी गलत पाए जाने पर दारुल उलूम देवबंद से इखराज कर दिया जाएगा, साथ ही कानूनी कार्रवाई भी कराई जा सकती है। इस के अलावा जन्म प्रमाणपत्र के साथ राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या निवास प्रमाण पत्र में से किसी दो आईडी का जमा कराना अनिवार्य है। 
बता दें कि ईद उल फितर के दो दिन बाद दारुल उलूम देवबंद में नए छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया आरंभ होती है। 10 दिन में प्रवेश परीक्षा शुरु हो जाती है और एक महीने के अंदर दाखला प्रक्रिया पूरी होने के बाद नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होती है।

समीर चौधरी।

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