यूक्रेन से देवबंद लौटे भाई-बहन सहित चार छात्र, बयान की अपनी दर्द भरी कहानी, परिवारों में खुशी का माहौल है।

यूक्रेन से देवबंद लौटे भाई-बहन सहित चार छात्र, बयान की अपनी दर्द भरी कहानी, परिवारों में खुशी का माहौल है।
देवबंद: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे भारत के हजारों छात्रों को सरकार वापस लाने की कोशिश में लगी है, रविवार की देर रात देवबंद के भाई-बहन सहित चार बच्चे सकुशल अपनों में पहुंच गए हैं, जिसके बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है।
देवबंद के मोहल्ला लहसवाड़ा निवासी अबूबकर, मोहल्ला मुलतानियान निवासी भाई-बहन तालिब व सदफ और गांव फुलास निवासी अजमल यूक्रेन की उजर्होद नेशनल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्र हैं। 
रविवार देर रात तक चारों छात्र दिल्ली होते हुए अपने घर लौट आए। चारों बच्चे एक ही यूनिवर्सिटी के छात्र थे। छात्रों ने बताया कि उन्हें यूनिवर्सिटी से हंगरी के बॉर्डर पर भेज दिया गया था। जहां से उन्हें भारत सरकार द्वारा फ्लाईट से दिल्ली लाया गया। ओर भारत पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया।
छात्रों ने बताया कि रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद से वह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रह थे। छात्र अबूबकर के मुताबिक उजर्होद शहर हंगरी सीमा से सटा है। बॉर्डर तक पहुंचने में उन्हें 10 किलोमीटर का सफर बस से यूनिवर्सिटी द्वारा भेजा गया। 

तालिब, सदफ, अबुबकर और अजमल ने बताया कि रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के दौरान वह सहम गए थे। उनका कहना है कि भले ही हमले 250 से 900 किमी दूर कीव ओर इवानो एवं खारकीव में हो रहे हो लेकिन युद्ध के हालात सुनकर वह सहमे हुए थे। ओर दहशत के बीच हॉस्टल में ही रह रहे थे।
उन्होंने बताया कि उनकी फ्लाईट में उजहोर्द यूनिवर्सिटी के पढ़ने वाले 250 बच्चें रविवार को वापिस आ गए और 250 बच्चों की फ्लाईट सोमवार को दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन वह कीव समेत दूसरें शहरों में रहने वाले अन्य भारतीय बच्चों के लिए अधिक चिंतित थे जहां रूस द्वारा लगातार बमबारी की जा रही थी। उन्होंने बताया कि वह लगातार फोन पर अपने अन्य साथियों के संपर्क में रहे।
उनके परिजन उनके बच्चों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा अभियान की दिल से सराहना करते नहीं थक रहे। साथ ही सरकार मांग करते हुए कहते हैं कि जिस तरह उनके बच्चें वापिस आएं हैं उसी तरह अन्य सभी बच्चें भी शीघ्र ही सकुशल वापिस आ जाएं। 

समीर चौधरी।

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