वसीम रिजवी ने कहा मेरे शव को दफनाया ना जाए बल्कि हिंदू रीति रिवाज के अनुसार किया जाए मेरा अंतिम संस्कार।
नई दिल्ली: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने ऐलान किया है कि उनके निधन के बाद उन्हें दफनाया नहीं जाए, इसके लिए उन्होंने एक वसीयत भी तैयार की है। उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि उनकी मृत्यु के बाद उनका शरीर हिंदू मित्रों को सौंप दिया जाए, जो हिंदू संस्कार के अनुसार उनका अंतिम संस्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि डासना मंदिर के संत स्वामी नरसिंह नंद सरस्वती उनकी समाधि में आग देंगे। रिजवी ने मुसलमानों पर उनकी हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगाया।
वसीम रिजवी ने अपने वीडियो में कहा कि "भारत और भारत के बाहर मुझे मारने और सिर काटने की साजिश रची जा रही है। मुझ पर इनाम रखा जा रहा है। मेरा गुनाह इतना बड़ा है कि मैंने मानवता के खिलाफ नफरत फैलाने वाली 26 आयतों (नवाजुबिल्लाह) को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब मुसलमान मुझे मारना चाहते हैं और उन्होंने कहा कि वे मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे।
उन्होंने आगे कहा, "मेरी मृत्यु के बाद आपको शांति मिले, इसलिए मैंने एक वसीयत लिखी है कि जो मेरा हिंदू मित्र है उसे लखनऊ में दिया जाए और मेरे शरीर का दाह संस्कार किया जाए, मेरी चिता को नरसिंह नंद सरस्वती जी आग देंगे। मैंने उनको अनुमति दी है।
समीर चौधरी।
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