सुप्रीम कोर्ट ने कहा दिल्ली की स्थिति खराब, घरों में भी लगाना पड़ रहा है मास्क, ऐसे हालात में लॉकडाउन पर विचार करे सरकार।
नई दिल्ली: दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा है कि स्थिति इतनी ख़राब है कि हमारे घरों में भी हमें मास्क पहनना पड़ रहा है।
दिल्ली और दिल्ली के आसपास के इलाक़ो में बीते एक सप्ताह से गहरी और दम-घोंटू धुंध छायी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार को एक आपातकालीन योजना के साथ उपस्थित होने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आवश्यक हो तो वाहनों, पटाखों और कल-कारखानों और धूल के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए दो दिन के लॉकडाउन की घोषणा करें।
मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र सरकार से शहर में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आपातकालीन योजना बनाने के लिए कहा है। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि- आप हमें बताएं कि आप क्या आपातकालीन उपाय करेंगे?
केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि पराली को जलाने से रोकने के लिए क़दम उठाए गए हैं। लेकिन पिछले पांच-छह दिनों में जिस तरह से प्रदूषण बढ़ा है उसके पीछे पंजाब में पराली जलाया जाना प्रमुख कारण रहा है।
केंद्र सरकार के इस जवाब पर चीफ़ जस्टिस ने कहा कि 'आप प्रदूषण बढ़ने का कारण किसानों को क्यों बता रहे हैं? यह कुल प्रदूषण के एक बहुत कम हिस्सा है। बाकी के प्रदूष का क्या? दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आप क्या कर रहे हैं? हमारा किसी किसी राज्य, सरकार या केंद्र से कोई लेना देना नहीं है, आप हमें यह बताएं कि आपकी सटीक योजना क्या है...ना कि दो-तीन दिनों के बारे में.'
हालांकि इस दौरान मौजूद रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को स्पष्ट किया कि – हमारा ऐसा कहना नहीं है कि प्रदूषण सिर्फ़ किसानों के कारण है।
बीबीसी हिंदी के इनपुट्स के साथ।
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