त्रिपुरा दंगे में क्षतिग्रस्त मस्जिदों, दुकानों और मकानों का पुन: निर्माण कराएगी जमीयत उलमा ए हिंद, त्रिपुरा हिंसा पर सरकार की भूमिका देश की शांति बनाए रखने के लिए बड़ी चुनौती: मौलाना महमूद मदनी

त्रिपुरा दंगे में क्षतिग्रस्त मस्जिदों, दुकानों और मकानों का पुन: निर्माण कराएगी जमीयत उलमा ए हिंद।
जमीअत उलमा हिंद की फैक्ट फाइटिंग टीम दंगा प्रभावित इलाकों के दौरे पर है।
अध्यक्ष जमीअत उलमा हिंद मौलाना महमूद मदनी ने प्रश्न किया कि त्रिपुरा के एक जुलूस में पैगंबर इस्लाम सल्लल्लाहो सल्लम का अपमान किया गया। इस पर सरकार ख़ामोश क्यों है-? सरकार का ये व्यवहार देश में शांति, सद्भाव और आपसी भाईचारा स्थापित रखने में कड़ी चुनौती बन सकता है।
नई दिल्ली: जमीयत उलमा ए हिंद का एक फैक्ट फाइटिंग प्रतिनिधिमंडल हकीमुद्दीन क़ासमी महासचिव जमीयत उलमा ए हिंद के नेतृत्व में त्रिपुरा पहुंचा। जो दंगा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर है। प्रतिनिधिमंडल के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह दंगा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और स्वयं प्रभावित मस्जिदों और मुसलमानों की बस्तियों का आंकलन करे और उनके तथ्यों को जमा करके असली सच्चाई को सामने लाए। क्योंकि वर्तमान में ही त्रिपुरा के डीजीपी ने मस्जिद में आगज़नी आदि की घटनाओं को फर्ज़ीं बताया था।
इसलिए जमीयत उलमा ए हिंद के प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले सोमवर को नरोरा टीला का दौरा किया। नरोरा टीला ज़िला सिपाही जाला त्रिपुरा में स्थित है जो राजधानी अगरतला से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 23 अक्टूबर 2021 को दंगाइयों ने रात्रि लगभग 10 बजे इस मस्जिद में आगज़नी की और यह सिलसिला लगातार 9 दिन जारी रहा।
प्रतिनिधि मंडल ने यहां पहुंचकर स्थानीय लोगों से बातचीत की तो पता चला कि इस गांव में 45 घर मुसलमानों के और 200 घर गैरमुस्लिम के हैं। हिंदू मुस्लिम में एकता है लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने बाहर से आकर मस्जिद का अपमान किया और आपसी एकता को हानि पहुंचाई। इस अवसर पर मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी महासचिव जमीअत उलमा ए हिंद ने लोगों को सांत्वना देते हुए कहा कि सब पूरे धैर्य के साथ अपना जीवन यापन करें। मौलाना ने यह भी घोषणा की कि यहां जिन मस्जिदों, दुकानों और मकानों को हानि पहुंचाई गई है जमीयत उनके पुनर्निर्माण व मरम्मत का कार्य करेगी। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल अगरतला कृष्णानगर मस्जिद पहुंचा जहां दंगाइयों ने 2 दिन तक अज़ान और नमाज़ नहीं होने दी और मस्जिद की खिड़की को हानि पहुंचाई। इसके बाद अगरतला चंद्रा मस्जिद का भी निरीक्षण किया, यहां दंगाइयों ने सुअर का मांस फेंका। दंगाइयों से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र का अभी दौरा नहीं हुआ है पुलिस प्रशासन से परमिशन लेने के बाद दौरा किया जाएगा। 


त्रिपुरा की वर्तमान स्थिति और वहां के डीजीपी के माध्यम से मस्जिदों की आगजनी की घटनाओं को फेक न्यूज़ बताने पर अपनी प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए जमीअत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि जमीयत न अफवाहों पर विश्वास रखती है और न अफवाह फैलाने वालों का साहस बढ़ाती है, इसलिए इन हालात में हमने एक फैक्ट फाइटिंग कमेटी त्रिपुरा भेजी है जो प्रभावित स्थानों का स्वयं आंकलन करेगी। और वहां के फोटोग्राफ और दूसरे तथ्य प्राप्त करके देश की मीडिया और सरकार के कुछ अधिकारियों के सामने पेश किया जाएगा और जहां आवश्यकता होगी वहां कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मौलाना मदनी ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि त्रिपुरा में एक जुलूस निकाला गया जिसमें सरकार दो आलम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की शान में खुल्लम-खुल्ला अपशब्द और नारेबाजी की गई। इसके बारे में सरकार अपना दृष्टिकोण क्यों स्पष्ट नहीं करती और ऐसे लोगों के खिलाफ़ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई-? मौलाना मदनी ने स्पष्ट किया कि मुसलमान हर परेशानी व पीड़ा को बर्दाश्त कर सकता है, लेकिन वह अपने रसूल का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। इस तरह की घटनाओं पर अगर तुरंत सख़्त एक्शन नहीं लिया गया तो फिर जन स्तर पर जो प्रतिक्रिया होगी वह देश में शांति, सद्भाव और आपसी भाईचारा स्थापित रखने में बहुत बड़ी चुनौती बन सकती है। ऐसी रैली - जुलूस देश विरोधी तत्वों के माध्यम से देश के खिलाफ़ सबसे बड़ा हथकंडा भी बन सकता है इसलिए सरकार को इस सिलसिले में हरगिज़ कोई ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए। यह समस्या सिर्फ़ मुसलमानों के विचारों की नहीं बल्कि देश की एकता और सुरक्षा की भी है और इसे देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। मौलाना मदनी ने त्रिपुरा की जनता से अपील की कि वह भय - आतंक तथा निराशा से ग्रसित न हों। हमें पूरा विश्वास है कि देश का न्याय प्रिय और जागरूक वर्ग बिना किसी भेदभाव के, ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए आगे आएगा।

अगरतला के दौरे पर जो जमीअत उलमा ए हिंद का प्रतिनिधिमंडल गया है उसमें मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी, महासचिव, जमीअत उलमा ए हिंद के अलावा मौलाना गय्यूर अहमद क़ासमी, ऑर्गेनाइजर जमीयत उलमा ए हिंद, मौलाना मोहम्मद यासीन जहाज़ी, ऑर्गेनाइजर जमीअत उलमा ए हिंद और त्रिपुरा राज्य से अध्यक्ष जमीयत उलमा त्रिपुरा, मुफ़्ती अब्दुल मोमिन, मौलाना सिराजुद्दीन अहमद ऑफिस सेक्रेटरी जमीयत उलमा त्रिपुरा, मौलाना डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन, प्रेस सेक्रेटरी जमीअत उलमा त्रिपुरा, मौलाना कमाल हुसैन अध्यक्ष जमीयत उलेमा जिला विशालगढ़ व इमाम मस्जिद नरोरा टीला मौलाना अनीसउररहमान सचिव जमीयत उलमा जिला विशालगढ़ शामिल हैं।

समीर चौधरी।

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